जब घोड़े मरते हैं वे हाँफने लगते हैं, जब घास मरती है वह सूख जाती है ? जब सूर्य मरते हैं वे बुझ जाते हैं, जब मनुष्य मरते हैं - वे गीत गाते हैं।
हिंदी समय में वेलिमीर ख्लेब्निकोव की रचनाएँ